किसने क्या कहा (Who said What) Slogans

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किसने क्या और कौन सा नारा दिया: (किसने क्या कहा)

भारत की स्वतंत्रता से निपटने एवं समय-समय पर समय के साथ नारे बुलंद किए गए विभिन्न नारों तथा वचनों की एक सूची समेटे हुए है. हालांकि पूर्ण प्रयास किया गया है कि सम्पूर्ण पेज त्रुटी से रहित रहे किन्तु किसी भी प्रकार की त्रुटी को पूर्णत: नकारा नही जा सकता इसी कारण अगर आप को कोई त्रुटी मिले तो कृप्या कमेंट के माध्यम से सूचित करें और यदि इस विषय में आप कोई अन्य जानकारी इस पृष्ठ पर जोड़ने के इच्छुक हैं तो टिप्पणी के मध्यम से नारे या वचन की जानकारी दें (किसने क्या कहा):

1. जय हिंद


जय हिन्द का नारा सुभाष चन्द्र बोस द्वारा दिया गया इस नारे का प्रयोग सर्वप्रथम क्रांतिकारी सुभाष चन्द्र बोस द्वारा आज़ाद हिन्द फ़ौज के लिए युद्धघोष के रूप प्रयुक्त इस नारे ने अधिक लोकप्रियता प्राप्त की यह नारा भारत की आवाम में आत्याधिक प्रचलित था जिस का प्रमुख कारण “जय हिन्द” नारे में भारत देश के प्रति एक प्रेम की भावना का एहसास होना भी था

2. वंदे मातरम


वन्दे मातरम् एक नारा मात्र ना होकर भारत का राष्ट्रगीत भी है इस गीत के रचयिता बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय जी है उनके द्वारा रचित उपन्यास “आनंद मठ” से लिए गए इस गीत में मूल भाषा बांग्ला तथा संस्कृत का सामजस्य है रविन्द्रनाथ टैगोर द्वारा गाया गया था एक नारे के रूप में सामूहिक शब्द “वन्दे मातरम्” को आत्याधिक लोकप्रियता मिली तथा आवाम में आज़ादी के लिए जोश भर कर इस नारे ने भारत माता की आज़ादी में वंदे मातरम का मुख्य स्थान है।

3. करो या मरो

अहिंसावादी विचार धारा रखने वाले महात्मा गाँधी जिन्होंने भारत की आज़ादी को हासिल करने में अहम् योगदान निभाया, ने वर्ष 1942 में यह नारा महात्मगंधी जी दिए, यह नारा बॉम्बे में अखिल भारतीय कांग्रेस की हुई बैठक का संबोधन करते हुए दिया गया इससे पूर्व भी गाँधी जी ने असयोग आन्दोलन जैसे प्रयासों से ब्रिटिश सरकार की नींव को हिला दिया था।

वर्ष 1940 के पश्चात भारत की जनता में आज़ादी की जन चेतना अपने चरम पर पहुँच रही थी इसी कारण गांधी जी ने स्थिति को भांपते हुए करो या मरो का नारा दिया जो ब्रिटिश हकूमत को जड़ से उखाड़ मैं सच साबित हुआ।

4. सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है

लेकिन बहुत कम ही लोगों को पता होगा कि इसके रचयिता रामप्रसाद बिस्मिल नहीं, बल्कि शायर बिस्मिल अज़ीमाबादी थे.राम प्रसाद बिस्मिल और अशफ़ाक़ुल्ला ख़ान पर शोध कर चुके सुधीर विद्यार्थी कहते हैं, “सरफ़रोशी की तमन्ना को राम प्रसाद बिस्मिल ने गाया ज़रूर था, पर ये रचना बिस्मिल अज़ीमाबादी की है.”

(किसने क्या कहा)

सरफरोशी की तमन्ना,

अब हमारे दिल में है।

देखना है जोर कितना,

बाजु -ए- कातिल में है ?

5. आराम हराम है

यह नारा देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू ने दिया था। नेहरू जी ने यह नारा उस समय दिया था, जब देश स्वतंत्र हुआ था। आलस करना अत्यधिक आराम करना हमारे लिए अच्छा नहीं साबित होगा।

किसने क्या कहा 5 more-

6. भारत छोड़ो

8 अगस्त, 1942 को महात्मा गांधी ने ब्रिटिश शासन को समाप्त करने का आह्वान किया और मुंबई में अखिल भारतीय काँन्ग्रेस कमेटी के सत्र में भारत छोड़ो आंदोलन का नारा महात्मा गांधी ने दिया।

7. दिल्ली चलो

नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने “दिली चलोका नारा दिया। उन्होंने 5 जुलाई 1943 को, नेताजी ने सिंगापुर के टाउन हॉल के सामने “सुप्रीम कमांडर” के रूप में सेना को संबोधित किया, और “दिल्ली चलो” का नारा दिया

8. इंकलाब जिंदाबाद


इंकलाब जिंदाबाद के नारे उर्दू कवि मौलाना हसरत मोहानी के द्वारा 1921 में दिया गया था, जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़े हुए थे। इस नारे को भगत सिंह और उनके क्रांतिकारी साथियों ने दिल्ली की असेंबली में 8 अप्रेल 1929 को एक आवाज़ी बम फोड़ते वक़्त बुलंद किया जिसने इसे लोकप्रिय बनाया।

9. स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है

हम सब भारत में जिस परिवेश में जी रहे हैं उसके पीछे एक नारे का विशेष महत्व है, हमारे देश के वीर सपूतों का काफी योगदान रहा है। स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है। और मैं इसे लेकर रहूंगा, हमारे देश के स्वतंत्रता सेनानी बाल गांधार तिलक ने दिए थे। बाद में इन्हें लोकमान्य की उपाधि दी गई।

10. सारे जहां से अच्छा हिंदुस्ता हमारा

सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्ता हमारा हिन्दी उर्दू भाषा में लिखी गई देश प्रेम की एक ग़ज़ल है जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान ब्रिटिश राज के विरोध का प्रतीक बनी और जिसे आज भी देश-भक्ति के गीत के रूप में भारत में गाया जाता है। इसे अनौपचारिक रूप से भारत के राष्ट्रीय गीत का दर्जा प्राप्त है। इस गीत को प्रसिद्ध शायर मुहम्मद इक़बाल ने 1905 में लिखा था और सबसे पहले सरकारी कालेज, लाहौर में पढ़कर सुनाया था।

11. जन गण मन अधिनायक जय हे

जन गण मन अधिनायक जय हे जो बंगाली में गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा लिखा गया था। राष्ट्रगान की गायन और थी बामन 52 सेकंड है। संविधान सभा ने जन गण मन राष्ट्रगान के रूप में 24 जनवरी 1950 को अपनाया था।

12. तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा,

 “तुम मुझे खून दोमैं तुम्हें आजादी दूंगा” इस नारे को देने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस का नाम उसके कानों में न पड़ा हो। सुभाष चंद बोस ने आजाद हिंद फौज की स्थापना की थी। देश को अंग्रेजों से मुक्त कराने में उनके योगदान को भूलाया नहीं जा सकता है। हमारे देश को आजाद कराने में वीर शहीदों का नाम अमर है जब तक सूरज चांद रहेगा तब तक उनका नाम रहेगा।


यह नारा पाठकों के लिए खासकर छात्रों के लिए भी महत्वपूर्ण है, प्रतियोगी परीक्षा एवं अन्य परीक्षाओं में में पूछे जाते हैं। हमें यह “नारा”लिखने में बहुत खुशी हो रही है की आप जैसे उत्साहित लोगो तक ये ज्ञान की बातो को पहुंचा पा रहे हैं।

(किसने क्या कहा)


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