Skip to content
Home » मौलिक कर्त्तव्य / Fundamental Rights

मौलिक कर्त्तव्य / Fundamental Rights

भारत देश की सुरक्षा और विकास में सभी नागरिकों को अपनी भूमिका निभाने के लिए भारतीय संविधान में कुछ कर्तव्यों का उल्लेख किया गया है जिन्हें मौलिक कर्तव्य कहते हैं। भारतीय संविधान अनुच्छेद 51(क) के अंतर्गत संविधान में उन सभी कर्तव्यों का जिक्र किया गया है जिसका पालन करके हर व्यक्ति देश के विकास में अपना योगदान दे सकता है। इस संविधान में उन सभी बातों को सम्मिलित किया गया है वर्तमान में मौलिक कर्तव्यों की संख्या 11 हैं

भारतीय संविधान में उल्लेखित मौलिक कर्तव्य निम्नलिखित है

  • परीक्षणप्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह संविधानका पालन करे और उसके आदर्शो, संस्थाओं, राष्ट्रगान का आदर करे।
  • स्वतंत्रता के लिए हमारे रास्त राष्ट्रीय आन्दोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शों को संजोए रखे और उनका पालन करे।
  • भारत की प्रभुता, एकता और अखण्डता की रक्षा करे।
  • देश की रक्षा करे।
  • भारत के सभी लोगो में समरसता और समान प्रभुत्त्व की भावना निर्माण करे।
  • हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का महत्व समझे और उसका परीक्षण करे।
  • प्रकृति पर्यावरण की रक्षा और संवर्धन करे।
  • वैज्ञानिक, दृष्टि कोण की भावना विकास करे।
  • व्यक्तिगत एवम सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में  उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करे।
  • सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखे।
  • माता- पिता या संरक्षक द्वारा 6 एस से 14 वर्ष के बच्चो  हेतु निःशुल्क शिक्षा प्रदान करना।

और पढ़ें 👇🏼:

संविधान की उद्देशिका

मौलिक अधिकार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *