भैंस की नस्लें
पशुपालन भारत के सभी ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन एवं कृषि कार्यों से अधिकांश लोग आधारित हैं। कृषि हो या पशुपालन आज के समय में उन्नत किस्म के बीज तथा उन्नत नस्ल के जानवर पालना ज्यादा बेहतर साबित होता है क्योंकि वैज्ञानिक अनुसंधान के द्वारा हमारे उत्पादन में दुगना इजाफा होता है। वैज्ञानिक विधि को अपनाएं और उत्पादन क्षमता को बढ़ाएं। तो फिर चलिए हम जानते हैं कुछ भैंस की नस्लें जो सबसे अधिक दूध देती हैं…
कौन सी भैंस सबसे ज्यादा दूध देती है।
सबसे ज्यादा दूध देखकर नेशनल रिकॉर्ड बनाने वाली भैंस का नाम।
मुर्रा भैंस
मुर्रा नस्ल की भैंस सबसे ज्यादा दूध देने वाली मानी जाती है। मुर्रा भैंस का मूल स्थान भारत है। यह भारत के अधिकांश राज्यों में खासकर उत्तर प्रदेश पंजाब हरियाणा दिल्ली दुग्ध व्यवसायियों का पसंदीदा भैंस है। इनके दूध का औसतन एक ब्यात में 1000 लीटर से 3000 लीटर तक दूध देती है। ज्यादा दूध प्राप्त करने के लिए हमें उनके खानपान पर बेहतर ध्यान देना पड़ेगा।
मुर्रा नस्ल की रेशमा भैंस ने 33.8 लीटर दूध देकर नेशनल रिकॉर्ड बनाया है। रेशमा भैंस प्रथम बयात मैं 19 से 20 लीटर दूध दिए। दूसरी ब्यत में 30 लीटर दूध दिया था। और तीसरी ब्यत ब्यात में 33.8 लीटर दूध दिया था। मुर्रा भैंस में सबसे ज्यादा दूध देने वाली भैंस रेशमा का नाम चर्चाओं में रहता है।
मेहसाना भैंस
मेहसाना नस्ल की भैंस गुजरात के मेहसाणा जिले और महाराष्ट्र आदि इलाकों में पाई जाती है। मेहसाणा जिले के नाम पर इनका नाम पड़ा है। इनके प्रति ब्यत औसतन क्षमता 1800 से 2000 लीटर होता है। इनके दूध में 7% वसा प्राप्त होता है।यह भैंस शांत स्वभाव की होतीलीटर तक कुछ भैंस का रंग गोरा काला होता है। इनका रंग काला होता है। इनका शरीर मुर्रा भैंस से बड़ा होता है। मुर्रा नस्ल की तरह होती है।
पंढरपुरी भैंस
पंढरपुरी नस्ल की भैंस प्रति ब्यात में दूध देने की औसतन क्षमता 1700 से 1800 लीटर तक है। इनके दूध में वसा का मात्रा 8% पाया जाता है। इस नस्ल की भैंसे सोलापुर, कोल्हापुर, महाराष्ट्र, रतनगिरी आदि जगहों पर पाई जाती हैं। इनका नाम पंढरपुरी क्यों पड़ा। इनका नाम सोलापुर जिला के पंढरपुर गांव के नाम पर पड़ा है। यह 12 से 13 महीने तक दूध देती है। यह भैंस सूखे इलाको के लिए उपयुक्त है।
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चिल्का भैंस
चिल्का भैंस के दूध का औसतन उत्पादन क्षमता प्रति ब्यत 500 से 600 लीटर तक है। यह भैंस गंजम, पुरी उड़ीसा कटक और खुरदा जिले में पाई जाती हैं। इनका नाम उड़ीसा के चिल्का झील के नाम से पड़ा है। यह मध्यम आकार की भैंस है। चिल्का भैंस का कलर काला या पूरा काला होता है।
भदावरी भैंस
भदावरी नस्ल की भैंस प्रति ब्यात 1600 से 1800 लीटर दूध देती है। भदावरी नस्ल की भैंस अच्छी नस्ल की भैंस से में आती है। इनके दूध में दूसरे भैंस की अपेक्षा से अधिक वसा पाया जाता है। इस नस्ल की भैंस यमुना नदी के निकटवर्ती चंबल, बेतवा जैसे कई इलाकों में पाई जाती हैं। इस नस्ल की भैंस उत्तर प्रदेश के भदावरी तहसील के नाम से भदावरी भैंस के नाम से जाना जाता है।
नीली रावी भैंस
नीली रावी नस्ल की भैंस प्रति ब्यात 1600 से 1800 लीटर दूध देती हैं। इनके दूध में वसा 7% तक होता है। इस नस्ल की भैंस का रंग काला चेहरा, पूछ, पैर सफेद होते हैं देखने में बिल्ली जैसे लगती है। मध्यम आकार की बनावट होती है। सार का वजन 600 किलो एवं भैंस का वजन साडे 450 किलो तक होता है। नीली रावी भैंस पंजाब राज्य के गुरदासपुर, अमृतसर फिरोजापुर जिलों में पाई जाती हैं।
बन्नी भैंस
बन्नी नस्ल की भैंस गुजरात के कच्छ जिले में पाई जाती हैं। बन्नी शब्द चारागाह घास प्रजाति के लिए भी विशिष्ट है। एक औसतन बन्नी भाई 1 दिन में 12 से 18 लीटर दूध देती है। बन्नी भैंस पानी की कमी चरम मौसम की स्थिति से बचने के लिए अनुकूलित होती हैं।
जाफराबादी भैंस
जफराबादी नस्ल की भैंस ज्यादा दुधारू होती हैं। इस नस्ल की भैंसे प्रतिदिन 30 लीटर दूध दे सकती हैं। इन भैंसों का मूल स्थान गुजरात के जफराबाद के नाम से जाफराबादी भैंस पड़ा हुआ है। इन भैंसों की कीमत 150000 तक होती है। जाफराबादी भैंस का वजन भारी भरकम होता है। इनका सींग घुमावदार होता है। इन भैंस को व्यवसाय ज्यादा पसंद करते हैं।
जाफराबादी भैंस गुजरात के अमरेली जूनागढ़ भावनगर पोरबंदर में बड़ी संख्या में पाली जाती हैं। भैस में यह सबसे अलग और भारी वजन 800 से 1 टन के लगभग होती हैं। जाफराबादी भैंस को आहार बेहतर और 3-4 किलो दाना प्रतिदिन आहार में जरूर होना चाहिए। आहार में तीन चार किस्म के दाने गेहूं जौ बाजरा मक्का आज मिक्स का दलिया दी जा सकती है।
सुर्ती भैंस
सुरती नस्ल की भैंस प्रतिदिन चार से 8 लीटर तक दूध देती है। इनके दूध में 8 से 12 प्रतिशत वसा पाया जाता है। यह भैंस काले तथा भूरे रंग की होती है इनका स्वभाव विनम्र होता है। या भैंस डेयरी उद्योग के लिए अच्छी मानी जाती हैं।
सुरती भैंस वास्तव में साबरमती नदियों के बीच पाई जाती हैं इस नस्ल की भैंस गुजरात के बड़ौदा, कैरा जिले में पाए जाती हैं। सुरती भैंस को चारोंटारी
नागपुरी भैंस
नागपुरी नस्ल की भैंस एक ब्यत में 650 से 1500 लीटर दूध देती है। यह भैंस महाराष्ट्र के नागपुर निकटवर्ती इलाकों में पाई जाती है। नागपुरी नस्ल की भैंस दुधारू होती है। नागपुरी नस्ल की भैंस किसी भी मौसम यह वातावरण में फिट हो जाती है। इनकी सींग तलवार की तरह होती है। इनके नर भैंस को भारी काम में प्रयोग किया जाता है।
प्रश्न :1 भारत मे सबसे ज्यादा भैस कहा पाई जाती है ।
उत्तर: राजस्थान मे भैस की संख्या 12.97 मिलियन है।
प्रश्न : 2 दुनिया मे सबसे ज्यादा दूध उत्पादन वाला देश क्यू सा है ।
उत्तर : दुनिया मे सबसे ज्यादा दूध उत्पादन भारत करता है ।
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