पत्ता गोभी की खेती
पत्ता गोभी की सब्जी आज के समय में इसका बहुत ही डिमांड है सब्जी एवं जितने भी नूडल्स चाइनीज आइटम में पत्ता गोभी का बहुत ही महत्व है। पत्ता गोभी रबी मौसम की सब्जी है। पत्ता गोभी को बंद गोभी भी कहते हैं। इसके प्रति 100 ग्राम पदार्थ में प्रोटीन 1.4 ग्राम, वसा 0.2 ग्राम कार्बोहाइड्रेट ग्राम तथा विटामिन ए,बी,सी, ई पर्याप्त मात्रा में पाई जाती है इसमें लोहा कैल्शियम मैग्नीशियम तथा सोडियम आदि भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।
उन्नत किस्म के प्रजातियां
प्रजातियां | बीज की मात्रा (ग्राम/हे.) | अवधि (दिनों में) | बुवाई का समय | उपज (कु.हे.) |
अगेती किस्में | 500 | 60 से 80 | मध्य सितंबर से मध्य अक्टूबर | 300 – 350 |
पिछेती किस्में | 500 | 100 से 120 | मध्य अक्टूबर से मध्य नवंबर | 350 – 450 |
मिट्टी एवं जलवायु
इसे लगभग सभी प्रकार की भूमियों में उत्पादित किया जा सकता है। अच्छी खेती के लिए भूमि का जल निकासी का उत्तम प्रबंध होना चाहिए अम्लीय मिट्टी पत्ता गोभी के लिए अच्छी नहीं होती है। खेत की तैयारी के लिए मिट्टी पहेली जुताई के बाद देसी हल से जुताई करके पाटा चलाकर भली भाग खेत तैयार कर लेना चाहिए।
खाद एवं उर्वरक का प्रबंधन
पत्ता गोभी के खेती लिए गोबर की खाद प्रति हेक्टेयर 300 कुंतल डालना चाहिए। 60 किलोग्राम फास्फोरस, 120 किलोग्राम नाइट्रोजन तथा 60 किलोग्राम पोटाश की आवश्यकता होती है। रोपाई के पहले गोबर की खाद मिट्टी में मिला देना चाहिए। अधिक उपज के लिए भरपूर मात्रा में खाद एवं उर्वरक की जरूरत होती है।
पत्ता गोभी की नर्सरी कैसे तैयार करें
नर्सरी तैयार करने के लिए 1 मीटर चौड़ी एवं ढाई मीटर लंबी क्यारी बनाएं। क्यारी में गोबर की खाद पर्याप्त मात्रा में डालकर बीज की बुवाई करें। नर्सरी के लिए ऊंचाई पर क्यारी बनाएं।
रोपाई की विधि
अगेती किस्में-पत्ता गोभी की पंक्ति से पंक्ति की दूरी 45 सेंटीमीटर तथा पौधे से पौधे की दूरी 45 सेंटीमीटर होनी चाहिए।
पिछेती किस्में-पत्ता गोभी की पंक्ति से पंक्ति की दूरी 60 सेंटीमीटर तथा पौधे से पौधे की दूरी 60 सेंटीमीटर रोपाई करनी चाहिए।
सिंचाई
पत्तागोभी के अधिक पैदावार के लिए खेत मे नमी रखना चाहिए। बुवाई के 1 सप्ताह बाद पहली सिंचाई करनी चाहिए। फसल की उचित समय पर सिंचाई आवश्यक है। जड़ों में 10 से 12 दिन एवं गर्म मौसम होने पर हर सप्ताह सिंचाई करना चाहिए।
खरपतवार नियंत्रण/निराई- गुड़ाई
अच्छी फसल उत्पादन के लिए खेत खेत की दो-तीन बार निराई गुड़ाई करें जब पौधे बड़े हो जाएं और गांठ बनाने लगे तो जड़ों पर मिट्टी चढ़ा देना चाहिए अन्यथा पौधों को हानि होने की संभावना बनी रहेगी।
फसल की सुरक्षा
इसके फसल में माहू के द्वारा हानि पहुंच सकती है इसके नियंत्रण के लिए डाईमिथोएट 300 ई.सी. या मिथाइल ऑक्सी डेमेटान 25 ई.सी. 1 लीटर मात्रा 1000 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर केदार से छिड़काव करें। फसल का देखरेख खेत के चारों तरफ सुबह शाम करना चाहिए इससे फसल में कोई भी हानि पहुंचने से नजर में आ जाता और समय से उसका उपचार हो जाता है।
नोट-किसान भाइयों के पत्ता गोभी के फसल के बारे में जानकारी इकट्ठा कर के लेख लिखे हैं। ताकि कुछ बेहतर जानकारी दे सके अधिक जानकारी के लिए अधिकृत वेबसाइट को देख सकते हैं।quickview05.com