संविधान की उद्देशिका/ The Preamble

संविधान की उद्देशिका/ The Preamble

“हम भारत के लोग,भारत को एक एक सम्पूर्ण प्रभुत्व संपन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके  समस्त नागरिकों को सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त करने के लिए तथा उन सब व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए द्दृढ़ा संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवंबर, 1949 संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्तमर्पित करते हैं।” (From The Preamble of Indian Constitution)

⟫पढ़ें: संविधान की रूपरेखा ⟪

प्रारूप समिति के सदस्य

डॉ. भीमराव अंबेडकर (अध्यक्ष)

सदस्य

  • अल्लादी कृष्णस्वामी अय्यर
  • कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी
  • एन गोपालस्वामी आयंगर
  • सैयद मुहम्मद सादुल्ला (मुस्लिम लीग के प्रतिनिधि)
  • एन माधवराव (बी एल मिश्र के स्थान पर नियुक्ति)
  • डी पी  खेतान (1948 में इनकी मृत्यु के बाद टी कृष्णमाचारी को सदस्य बनाया गया।)

⟫पढ़ें: राज्य की नीति- निर्देशक सिद्धान्त ⟪


What is preamble?

A preamble is an introductory and expressionary statement of a document which tells the document’s purpose. When applied to the opening paragraphs of a statute, it is recited as historical facts pertinent to the subject of the statute. It is distinct from the long title or enacting formula of a law.


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