बकरी पालन कैसे करें, ऋण एवं संबंधित पूरी जानकारी हिन्दी में || Goat Rearing and its Associates

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प्राचीन काल से बकरी पालन व्यवसाय चला आ रहा है। यह व्यवसाय शुरू करने के लिए थोड़ी सी पूजी से ही इस व्यवसाय को शुरू किया जा सकता है। तथा आय का स्रोत अर्जित करने में मदद करता है। इन व्यवसाय को शुरू करने में अधिक संसाधन एवं ज्यादा जमीन की आवश्यकता नहीं होती क्योंकि बकरी का शरीर छोटे आकार का होता है प्रजनन क्षमता एवं चरने में बहुत ही कुशल तथा पालना बहुत ही सरल है। इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए निम्न बिंदुओं पर ध्यान देना अनिवार्य है।

अच्छी नस्ल का चयन

नस्ल: इसमें जलवायु के आधार पर आकार के अनुरूप बकरा/बकरियों का चयन आवश्यक होता है।

बड़े आकार की नस्ल

जमुनापारी वीटल नस्लें बड़े आकार की बकरिया होती हैं। जो कि आसानी से मैदानी क्षेत्रों में पाली जाती हैं।

छोटे आकार की नस्ल

बरबरी नस्ल की बकरियां उत्तर प्रदेश के स्थानीय क्षेत्रों में पालने योग्य उपयुक्त होती हैं।

मैदानी क्षेत्र में बकरी पालन

बरबरी तथा जमुनापारी नस्ल की बकरियां अधिक उपयुक्त तथा इन नसों का संवर्धन एवं वृद्धि तथा व्यवसाय के लिए अधिकाधिक रूप से पालन पशुपालकों के द्वारा किया जाता है।

बकरी पालन व्यवसाय को प्रारंभ करते समय उपयुक्त प्रजनन क्षमता युक्त बड़ा एवं वयस्क स्वस्थ बकरों का क्रय करना चाहिए। प्रजनन के लिए ऐसे बकरों का ही प्रयोग करना बहुत ही उचित होता है।

बकरियों के आहार

बकरी चराने वाली पशु है। बकरियों के लिए विकसित चारागाह,पेड़ पौधे, कृषि फसलों की उपलब्धता हरे चारे नितांत आवश्यक है। बकरियों को यदि रोज 8 घंटा चरने पर पाला जाए। तो उनके शारीरिक भार 1% पौष्टिक आहार के रूप में खाने हेतु दिया जाता है। उदाहरण के तौर पर 25 किलोग्राम शरीर के भार पर ढाई सौ ग्राम पौष्टिक आहार की आवश्यकता होती है।

बकरियों के आहार के स्रोत

विभिन्न संसाधनों की उपलब्धता के अनुसार आहार चुगना वहां घर बात कर खिलाने से उपलब्ध कराया जा सकता है।

  • अनाज वाली फसल से प्राप्त चारा।
  • फलदार हरे चारे।
  • पेड़ पौधों की फलियां।
  • विभिन्न प्रकार की घास।

पहले की अपेक्षा चारागाह की कमी हो जाने के वजह से लोग आवाज में रखकर पालने वाली व्यवस्था बहुत ही लाभप्रद होती दिखाई दे रही है। एक अच्छे आवास के लिए 12 से 15 स्क्वायर फिट स्थान प्रति पशु के लिए आवश्यक होता है आवाज मे रोशनी एवं हवा के लिए पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। आवास सस्ते संसाधनों के द्वारा निर्मित उपलब्ध हो जाता है। 40 से 50 सेंटीमीटर व बच्चे के लिए 30 से 35 सेंटीमीटर प्रति बकरी आस्थान फीडर हेतु आवश्यक होता है।

प्रजनन

बकरी व्यस्क मादा 10 से 15 माह की आयु में प्रजनन की क्षमता आ जाती है। इनके गर्म का लक्षण में पूछ को बार-बार हिलाती हैं तथा योनि से सफेद पानी आते हैं। उस समय अच्छी नस्ल का बकरा से संपर्क में लाकर संसर्ग कराना चाहिए। ताकि उससे उत्पन्न बच्चे अच्छे प्रजाति के हो। बकरिया 150 से 155 दिन में बच्चा दे देती हैं। कथा 60 से 90 दिन में दोबारा पुनः गर्भीत होने का समय आ जाता है।

रोग नियंत्रण

निमोनिया का रोग इनके बच्चों में दस्त आदि रोग हो जाते हैं। इसका उचित रखरखाव एवं वास्को में परजीवी लोगों के विरुद्ध नियमित दवा पान की सलाह पशु चिकित्सा अधिकारी के अनुसार करनी चाहिए। इनके बीमारी के प्रति सलाह के द्वारा दवा लेना बहुत ही आवश्यक है। समय से उपचार ना होने के कारण नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।

बकरी पालन यूनिट

इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए आप एक से भी शुरू कर सकते हैं।

1. 2 नर तथा 20 मादा बकरियों का एवरेज

लाभ

बकरी व्यवसाय योजना अवधि 1 से 5 वर्ष में प्रथम वर्ष में मासिक आय 3000/पृथ्वी द्वितीय वर्ष से 6000/से 47000/प्रतिमाह अनुमानित है।


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