अपने जीवन में महापुरुषों के अनमोल विचार का होना बहुत ही आवश्यक साबित होता है जैसा कि हम अपने भोजन में चटपटे सब्जियों से हमारा भोजन रंगीन होता है उसी प्रकार हमारे आदर्श एवं सफल जीवन में महापुरुषों का विचार ऊंचाइयों के शिखर तक पहुंचने का प्रेरणा देता है। एक नजर महापुरुषों के विचार की ओर…। (Thoughts of Great Personalities)
महापुरूषों का अनमोल विचार एक बार जरूर पढे ।
#1.
जिनके हृदय में उत्साह होता है, वे पुरुष कठिन से कठिन कार्य आ पड़ने पर भी हिम्मत नहीं हारते। |
#2.
जिसके पास धैर्य है, वह जो कुछ इच्छा करता है, उसे प्राप्त कर सकता है। |
#3.
जिसके पास धैर्य है, वह जो इच्छा करता है, प्राप्त कर सकता है। |
#4.
धैर्यवान पुरुष कार्य आरंभ करने के बाद असफल होकर नहीं लौटते। |
#5.
आदतों को रोका ना जाए, तो वे शीघ्र ही लत बन जाती है। |
#6.
गंदी आदतों को छोड़ने की आदत डालो। |
#7.
अच्छा स्वभाव सदा सौंदर्य के अभाव को पूरा कर देगा, किंतु अच्छा सौंदर्य अच्छे स्वभाव के अभाव की कभी पूर्ति नहीं कर सकता। |
#8.
जिसका जो स्वभाव है, उसे छुड़ाना लाना कठिन है। यदि कुत्ता राजा बना दिया जाए, तो क्या वह जूता नहीं चलाएगा ? |
#9.
अचानक प्राप्त होने वाला धन घर में टिकता नहीं, पर अपने परिश्रम से थोड़ा-थोड़ा एकमात्र करने वाला मनुष्य उसको और बढ़ाता है। |
#10.
जिंदगी फूलों की सेज नहीं, संघर्ष का मैदान है। |
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#11.
दूसरों पर दोष लगाएं क्यों ? हम अपने को ही सुधरेंगे। यह भाव रखना चाहिए। |
#12.
सुगंध के बिना पुष्प, तृप्ति के बिना प्राप्ति, ध्येय के बिना कर्म व प्रसन्नता के बिना जीवन व्यर्थ है। |
#13.
दूसरों के प्रति वैसा व्यवहार कभी मत करो जैसा कि तुम दूसरों से पसंद नहीं करते। |
#14.
दूसरों के साथ वही व्यवहार करें जैसा आप अपने लिए चाहते हैं। |
#15.
मिलने पर मित्र का सम्मान करो, पीठ पीछे प्रशंसा करो, विपत्ति के समय सहयोग करो। |
#16.
जिस कमरे में बहुत सी तस्वीरें लटक रही हो, वह ऐसा कमरा है, वह ऐसा कमरा है, जिसमें बहुत से विचार लटक रहे हैं। |
#17.
आप यदि बुरे विचारों के भटकाव से बचना चाहते हो तो अपने मन को सदा व्यस्त रखो। |
#18.
बुरे विचार ही हमारी सुख शांति के शत्रु हैं। |
#19.
मनुष्य पर उसके विचार इतने हावी होते हैं कि जैसा वह सोचता है वैसा ही बनता चला जाता है। |
#20.
सुंदर विचार, अनमोल धन हैं। |
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#21.
कितना भी दु:खद विषय हो, उसकी चर्चा कठोर भाषा में नहीं करनी चाहिए। |
#22.
मनुष्य की बाड़ी से उसके गुण और अवगुण जाने जा सकते हैं। |
#23.
मधुर वचन सुनने में भी और कहने में भी प्रसन्नता देते हैं। लेकिन मधुर वचन अहंकार त्याग से ही संभव है। |
#24.
अगर झूठ बोलने से किसी की जान बचती है तो झूठ बोलना पाप नहीं नही। |
#25.
गाली से प्रतिष्ठा नहीं बढ़ती दोनों और अपमान है। इस दुनिया में सबसे ज्यादा कमजोर चीज, कठोर बात है। |
25+ thoughts
#26.
जो अपने मुख और जिह्वा पर संयम रखता है, वह अपने आत्मा को संतापो से बचाता है। |
#27.
दुष्टों का बल हिंसा है, राजाओं का बल दंड है और गुणवानो |
#28.
दुष्ट अपनी दुष्टता, सर्प अपना विष, सिंह रक्त पान जिस प्रकार नहीं छोड़ता, उसी प्रकार उदार उदारता नहीं छोड़ता। |
#29.
उदारता मनुष्य का श्रेष्ठ गुण है। |
#30.
जहां नम्रता से काम निकल जाए, वहां उग्रता नहीं दिखानी चाहिए। |
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#31.
विनम्रता शीघ्र उन्नत की चाबी है। |
#32.
आदर पाने के लिए मनुष्य को पहले विनम्र बनना पड़ता है। |
#33.
आत्मसम्मान भावना ही नम्रता की औषधि है। |
#34.
मन की प्रसन्नता ही व्यवहार में उदारता बन जाती है। |
#35.
प्रसन्नचित्त व्यक्ति कभी अपने कर्म में असफल नहीं होता । |
#36.
सच्चा सुख पाना चाहते हो तो स्वार्थ का नाश कीजिए। उसके जीवित रहते आप सुखी नहीं बन सकते। |
#37.
सदाचार व स्त्रोत है जहां से सम्मान जन्मता है। |
#38.
क्रोध में व्यक्ति सच्चाई नहीं कहता, वह तो सिर्फ दूसरे का दिल दुखाना चाहता है। |
#39.
जोर से जैसे सावधान रहते हो, वैसे ही क्लोज पर एक ही रहो। |
#40.
गुस्से का बेहतरीन इलाज खामोशी है। |
आत्मविश्वास पाने के लिए पढ़ें कुछ सुविचार
#41.
क्रोध करने से पहले यदि उसके परिणाम पर गौर कर लिया जाए तो क्रोध नहीं आएगा। |
#42.
क्रोध और उबलता पानी एक समान है। क्रोधी भलाई नहीं देख पाता और खौलते जल में प्रतिबिंब नहीं दिखता। |
#43.
क्रोध एक प्रकार का पागलपन है। |
#44.
मूर्ख का क्रोध नगाड़े के समान शोर करता है, किंतु बुद्धिमान मनुष्य का क्रोध गहरी झील के समान शांत रहता है। |
#45.
जो यही सोचकर भयभीत रहता है कि कहीं हार ना जाए, वह निश्चित रूप से हारेगा। |
#46.
अपराध करने के बाद भय उत्पन्न होता है और यही उसका दंड है। |
#47.
मनुष्य के दिल और दिमाग पर भय जितना प्रभाव डालता है, इतना प्रभाव कोई अन्य शक्ति नहीं। |
#48.
अहंकार जितना बड़ा होगा मनुष्य उतना ही छोटा होगा। |
#49.
जो मनुष्य अहंकार करता है, उसका एक दिन अवश्य ही होगा। |
#50.
अहंकार आदमी की सभी उपलब्धियों पर पानी फेर देता है। |
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