महापुरुषों के अनमोल 101+ विचार / Thoughts of Great Personalities

5/5 - (1 vote)

अपने जीवन में महापुरुषों के अनमोल विचार का होना बहुत ही आवश्यक साबित होता है जैसा कि हम अपने भोजन में चटपटे सब्जियों से हमारा भोजन रंगीन होता है उसी प्रकार हमारे आदर्श एवं सफल जीवन में महापुरुषों का विचार ऊंचाइयों के शिखर तक पहुंचने का प्रेरणा देता है। एक नजर महापुरुषों के विचार की ओर…। (Thoughts of Great Personalities)

महापुरूषों का अनमोल विचार एक बार जरूर पढे ।

#1.

जिनके हृदय में उत्साह होता है, वे पुरुष कठिन से कठिन कार्य आ पड़ने पर भी हिम्मत नहीं हारते।
वाल्मीकि

#2.

जिसके पास धैर्य है, वह जो कुछ इच्छा करता है, उसे प्राप्त कर सकता है।
-फ्रैंकलीन

#3.

जिसके पास धैर्य है, वह जो इच्छा करता है, प्राप्त कर सकता है।
-बेंजामिन फ्रैंकलीन

#4.

धैर्यवान पुरुष कार्य आरंभ करने के बाद असफल होकर नहीं लौटते।
-कथा सरित सागर

#5.

आदतों को रोका ना जाए, तो वे शीघ्र ही लत बन जाती है।
संत अगस्टिन

#6.

गंदी आदतों को छोड़ने की आदत डालो।
डी पाँल

#7.

अच्छा स्वभाव सदा सौंदर्य के अभाव को पूरा कर देगा, किंतु अच्छा सौंदर्य अच्छे स्वभाव के अभाव की कभी पूर्ति नहीं कर सकता।
एडिशन

#8.

जिसका जो स्वभाव है, उसे छुड़ाना लाना कठिन है। यदि कुत्ता राजा बना दिया जाए, तो क्या वह जूता नहीं चलाएगा ?
हितोपदेश

#9.

अचानक प्राप्त होने वाला धन घर में टिकता नहीं, पर अपने परिश्रम से थोड़ा-थोड़ा एकमात्र करने वाला मनुष्य उसको और बढ़ाता है।
-नीतिवचन

#10.

जिंदगी फूलों की सेज नहीं, संघर्ष का मैदान है।
स्वामी विवेकानंद

पढ़ें कर्म पर कुछ अनमोल विचार👈🏼:

#11.

दूसरों पर दोष लगाएं क्यों ? हम अपने को ही सुधरेंगे। यह भाव रखना चाहिए।
मदन मोहन मालवीय

#12.

सुगंध के बिना पुष्प, तृप्ति के बिना प्राप्ति, ध्येय के बिना कर्म व प्रसन्नता के बिना जीवन व्यर्थ है।
जयशंकर प्रसाद

#13.

दूसरों के प्रति वैसा व्यवहार कभी मत करो जैसा कि तुम दूसरों से पसंद नहीं करते।
कन्फ्यूशियस

#14.

दूसरों के साथ वही व्यवहार करें जैसा आप अपने लिए चाहते हैं।
अज्ञात

#15.

मिलने पर मित्र का सम्मान करो, पीठ पीछे प्रशंसा करो, विपत्ति के समय सहयोग करो।
अरस्तु

#16.

जिस कमरे में बहुत सी तस्वीरें लटक रही हो, वह ऐसा कमरा है, वह ऐसा कमरा है, जिसमें बहुत से विचार लटक रहे हैं।
काका कालेकर

#17.

आप यदि बुरे विचारों के भटकाव से बचना चाहते हो तो अपने मन को सदा व्यस्त रखो।
अथर्ववेद

#18.

बुरे विचार ही हमारी सुख शांति के शत्रु हैं।
स्वेट मार्डन

#19.

मनुष्य पर उसके विचार इतने हावी होते हैं कि जैसा वह सोचता है वैसा ही बनता चला जाता है।
-महात्मा गांधी

#20.

सुंदर विचार, अनमोल धन हैं।

पढ़ें: सकारात्मक सोच से जीवन बनाइये आसान

#21.

कितना भी दु:खद विषय हो, उसकी चर्चा कठोर भाषा में नहीं करनी चाहिए।
महात्मा गांधी

#22.

मनुष्य की बाड़ी से उसके गुण और अवगुण जाने जा सकते हैं।
शेख सादी

#23.

मधुर वचन सुनने में भी और कहने में भी प्रसन्नता देते हैं। लेकिन मधुर वचन अहंकार त्याग से ही संभव है।
कबीर

#24.

अगर झूठ बोलने से किसी की जान बचती है तो झूठ बोलना पाप नहीं नही।
प्रेमचंद

#25.

गाली से प्रतिष्ठा नहीं बढ़ती दोनों और अपमान है। इस दुनिया में सबसे ज्यादा कमजोर चीज, कठोर बात है।
-शरतचंद्र

25+ thoughts

#26.

जो अपने मुख और जिह्वा पर संयम रखता है, वह अपने आत्मा को संतापो से बचाता है।
बाइबिल

#27.

दुष्टों का बल हिंसा है, राजाओं का बल दंड है और गुणवानो

#28.

दुष्ट अपनी दुष्टता, सर्प अपना विष, सिंह रक्त पान जिस प्रकार नहीं छोड़ता, उसी प्रकार उदार उदारता नहीं छोड़ता।
स्वामी महावीर

#29.

उदारता मनुष्य का श्रेष्ठ गुण है।
चार्वाक

#30.

जहां नम्रता से काम निकल जाए, वहां उग्रता नहीं दिखानी चाहिए।
प्रेमचंद

पढ़ें: प्रोतशाहन के लिए कुछ अनमोल विचार

#31.

विनम्रता शीघ्र उन्नत की चाबी है।
महात्मा गांधी

#32.

आदर पाने के लिए मनुष्य को पहले विनम्र बनना पड़ता है।
नीतिवचन

#33.

आत्मसम्मान भावना ही नम्रता की औषधि है।
डिजरायली

#34.

मन की प्रसन्नता ही व्यवहार में उदारता बन जाती है।
प्रेमचंद

#35.

प्रसन्नचित्त व्यक्ति कभी अपने कर्म में असफल नहीं होता ।
-शेख सादी

#36.

सच्चा सुख पाना चाहते हो तो स्वार्थ का नाश कीजिए। उसके जीवित रहते आप सुखी नहीं बन सकते।
अज्ञात

#37.

सदाचार व स्त्रोत है जहां से सम्मान जन्मता है।
-क्रिस्टोफर मालो

#38.

क्रोध में व्यक्ति सच्चाई नहीं कहता, वह तो सिर्फ दूसरे का दिल दुखाना चाहता है।
प्रेमचंद

#39.

जोर से जैसे सावधान रहते हो, वैसे ही क्लोज पर एक ही रहो।
अरस्तु

#40.

गुस्से का बेहतरीन इलाज खामोशी है।
स्वामी विवेकानंद

आत्मविश्वास पाने के लिए पढ़ें कुछ सुविचार

#41.

क्रोध करने से पहले यदि उसके परिणाम पर गौर कर लिया जाए तो क्रोध नहीं आएगा।
कन्फ्यूशियस

#42.

क्रोध और उबलता पानी एक समान है। क्रोधी भलाई नहीं देख पाता और खौलते जल में प्रतिबिंब नहीं दिखता।
भगवान बुध

#43.

क्रोध एक प्रकार का पागलपन है।
महात्मा गांधी

#44.

मूर्ख का क्रोध नगाड़े के समान शोर करता है, किंतु बुद्धिमान मनुष्य का क्रोध गहरी झील के समान शांत रहता है।
नीति वचन

#45.

जो यही सोचकर भयभीत रहता है कि कहीं हार ना जाए, वह निश्चित रूप से हारेगा।
नेपोलियन बोनापार्ट

#46.

अपराध करने के बाद भय उत्पन्न होता है और यही उसका दंड है।
-वाल्टेयर

#47.

मनुष्य के दिल और दिमाग पर भय जितना प्रभाव डालता है, इतना प्रभाव कोई अन्य शक्ति नहीं।
अज्ञात

#48.

अहंकार जितना बड़ा होगा मनुष्य उतना ही छोटा होगा।
वॉल्टियर

#49.

जो मनुष्य अहंकार करता है, उसका एक दिन अवश्य ही होगा।
महर्षि दयानंद

#50.

अहंकार आदमी की सभी उपलब्धियों पर पानी फेर देता है।
अगस्टाइन

👉 नमस्कार दोस्तों आप ने हमारे ब्लॉग quickview05.com के महापुरसों के अनमोल विचार को पढ़ा आप को जरूर पसंद आया होगा हम आसा और विश्वास करते है । अगर हमार बेबसाइट आप को पसंद आया हो तो अपने दोस्तों के पास शेयर करे और कमेन्ट करके सुझाव भी दे सकते है । धन्यवाद

और पढ़ें-

भारतीय नागरिकों के मौलिक कर्तव्य

राज्य की नीति- निर्देशक सिद्धान्त

Leave a Comment