Vermi Compost in Hindi: Full Detail (Read Now)। वर्मी कम्पोस्ट के बारे में पूर्ण जानकारी, हिन्दी में

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Vermi Compost in Hindi: Full Detail

Vermi Compost in Hindi- भारतवर्ष में विगत कुछ वर्षों में अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए रासायनिक उर्वरकों का अंधाधुंध प्रयोग किया जा रहा है। इसकी वजह से जमीन स्वास्थ्य एवं मृदा में उपलब्ध लाभदायक जीवाणुओं की संख्या में बहुत ह्रास हुआ है। मृदा की उत्पादन शक्ति बहुत ही क्षीण हुई है। इसलिए मृदा को स्वस्थ बनाए रखने के लिए, लक्ष्य उत्पादन प्राप्त करने के लिए, उत्पादन लागत कम करने तथा पर्यावरण एवं स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से यह आवश्यक हो गया है। कि रासायनिक उर्वरकों जैसी कीमती खादो को काम किया जाए और जैविक खादों का प्रयोग अत्यधिक बढ़ावा दिया जाए।

जैविक खादों में वर्मी कंपोस्ट का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। इस खाद को वर्मी कंपोस्ट केंचुए से तैयार होने वाली जैविक खाद है। केचुआ को किसान का “मित्र” कहा जाता है। वर्मी कंपोस्ट कृषि के सड़े गले पदार्थ गांव शहर तथा रसोई के कूड़े कचरे को इकट्ठा कर तथा प्रदूषण को कम करने की एक प्रभावशाली गुड़ है।

वर्मी कंपोस्ट को बनाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका केंचुआ का होता है। यह एक विशेष प्रकार की केंचुए के प्रजाति द्वारा जीवांश पदार्थों को विघटित करके सड़ा गला कर यह खाद तैयार किया जाता है। इस केंचुए वाली खाद को वर्मी कंपोस्ट कहते है।

Table of Content

Method of Preparation of Vermi Compost in Hindi- वर्मी कंपोस्ट खाद बनाने की विधि

1. स्थान का चयन करें (Selection of Land)

वर्मी कंपोस्ट बनाते समय यह ध्यान देना जरूरी है, कि सबसे पहले  स्थान का चयन करें। जिस जगह दिन भर छाया रहती हो एवं जमीन की सतह से 1 मीटर ऊंचाई हो। जैसे बगीचे के नीचे या या पुआल जैसे छप्पर बनाकर छायादार स्थान चिन्हित कर लिया जाता है। स्थान भूमि की सतह से ऊंचा ना हो तो मिट्टी डालकर ऊंचा कर लेना चाहिए। छायादार ऊंचे जगह पर 2 मीटर 2 मीटर 1 मीटर क्रमशः लंबाई चौड़ाई एवं गहराई के आवश्यकता अनुसार गड्ढा बना ले। इनके निचले सतह पर जल निकासी के लिए 10 से 15 छेद बना देना चाहिए।

2. बनाने की विधि (Method to Prepare)

सबसे नीचे पत्थर या ईद की 9 से 10 सेंटीमीटर के पद बनाई जाती है। उसके ऊपर 20 सेंटी. बालू रेत की तह लगाई जाती है। फिर तीसरी सतह पर 15 सेंटीमीटर उपजाऊ मिट्टी की तेल लगाकर पानी के हल के छिड़काव सेलम कर देना चाहिए। उसके बाद  अधपकी गोबर 2 से 3 इंच मोटी परत डाल दें।

उसके ऊपर घरेलू कचरे जैसे फल व सब्जियों के छिलके अवशेष आदि कटे हुए फसल उनके अवशेष जैसे पुआल मक्का जलकुंभी भूसा पेड़ पौधों की पत्तियां आदि को बिछा दें। 20 से 25 दिन तक समय समय से आवश्यकता अनुसार पानी का छिड़काव करते रहे। उसके बाद हर सप्ताह दो बार 5 से 10 सेंटीमीटर पढ़ने योग्य कूड़े कचरे की तरह लगाते रहे जब जब पूरा गढ़ा भर जाए। तो रोज पानी का छिड़काव करते रहे।

ढेर पर कार्बनिक पदार्थ लगभग 50% नमी होनी चाहिए। वर्मी कंपोस्ट 6 से 7 सप्ताह में बनकर तैयार हो जाता है। वर्मी कंपोस्ट तैयार होने के बाद उसमें दो-तीन दिन तक पानी का छिड़काव बंद कर देना चाहिए। उसके बाद गड्ढे से खाद निकालकर छाया में ढेर लगाकर सुखा देते हैं। वर्मी कंपोस्ट खाद को 2 मिमी. झन्ने से चालकर अलग कर लेते हैं। इस खाद को आवश्यकतानुसार प्लास्टिक की थैलियों में भर देते हैं।

उपरोक्त विधि के अतिरिक्त वर्मी कंपोस्ट का निर्माण विन्डरो विधियां एवं वायु पंक्ति विधि से किया जा सकता है।

इस विधि द्वारा जीवांश पदार्थ का ढेर छायादार जगह मैं किया जा सकता है। वर्मी कंपोस्ट का निर्माण रिएक्टर विधि से किया जा सकता है। जो कि खर्चीला पड़ता है। ऊपर बताई गई विधि सरल एवं सहज है, अपना सकते हैं।

Following requirements to prepare Vermi Compost in Hindi- वर्मी कंपोस्ट बनाने के लिए निम्नलिखित कार्बनिक पदार्थों का प्रयोग किया जाता है:

1. कृषि फसल के अवशेष के द्वारा (Remaining of the Crops)

गन्ने की पत्तियां, पुआल, भूसा, खरपतवार, फसलों के डंठल छिलका एवं बायोगैस के अवशेष गोबर पत्तेदार घास फूस आदि।

3. गांव और शहरी कचरों का अवशेष (Wastes)

घर के कचरे तथा शहरी कूड़ा कचरा खानपान के बचे सामान फलों के छिलके। सड़े फल, सब्जियों के छिलके तथा सब्जी मंडी का कचरा आदि जितना हो सके इकट्ठा कर लेना चाहिए।

2. कृषि उद्योग संबंधी व्यर्थ पदार्थ (Waste of Manufacturing Unit)

चीनी मिल, वनस्पति तेल मिल, शराब उद्योग, बीज विधायन संयंत्र, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, नारियल उद्योग के रिजेक्ट पदार्थ।

केंचुए की प्रजातियों के बारे में जानकारी (Breed of Earthworm)

वर्मी कंपोस्ट खाद बनाने के लिए उपयुक्त केंचुए की प्रजातियों में मुख्य रूप से “इसेनिया फोटीडा”तथा “इयूड्रिल्स इयूजीनी” है। इन्हें केंचुए की लाल प्रजाति भी कहते हैं। इनके अलावा  “पेरिचानियास एक्सबकेट्स“, “लैम्पीटो माउरीटी”, “डावीटा कलेवी” तथा “डीगोगास्टर बोलाई” प्रजातियां भी है,

केंचुए का कल्चर या इनाकुलम तैयार करने की विधि

केंचुए कूड़े कचरे-सड़े गले कचरे के ढेर के नीचे से कंपोस्ट बनाते हुए ऊपर की तरफ बढ़ते रहते हैं। पूरे गड्ढे की कंपोस्ट तैयार होने के बाद ऊपर की सतह पर कूड़े कचरे की एक नई सतह लगा देते हैं। ऊपरी सतह प्योर सभी केंचुए आकर्षित हो जाते हैं। इन केचुओ हाथ या किसी चीज से अलग कर इकट्ठा कर लेते हैं। जिसे दूसरे नए गड्ढे के प्रयोग मे लाया जा सके।

Nutrition of Vermi Compost in Hindi- वर्मी कंपोस्ट के पोषक तत्व के बारे में जानकारी

अन्य जीवांश खादो की तुलना में वर्मी कंपोस्ट में अधिक मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं। इनमें नाइट्रोजन 1 से 1.5 प्रतिशत पोटाश 1.5 प्रतिशत तथा फास्फोरस 1.5 प्रतिशत होते हैं। इसके अतिरिक्त सूक्ष्म तभी मौजूद होते है।

वर्मी कंपोस्ट का प्रयोग (Use of Vermi Compost in Hindi)

Vermi Compost in Hindi- वर्मी कंपोस्ट खाद का प्रयोग हर प्रकार के फसल रोपाई के पहले इसका प्रयोग किया जाता है। धान की फसलों, तिलहन एवं सब्जियों के लिए 5.0 से 6.0 टन वर्मी कंपोस्ट प्रति हेक्टेयर कि दर से प्रयोग करना चाहिए। बुवाई के पहले खेतों में बिखेर दे उसके बाद जुताई कारके मिला देना चाहिए। फलदार वृक्षों में 200 ग्राम पौधा तथा घास के लान में 3 किलोग्राम/10 वर्ग मीटर की दर से प्रयोग करें।

वर्मी कंपोस्ट खाद के विशेषताएं

  • यह चाय पत्ती के समान दानेदार एवं भुरभुरा होता है।
  • इस खाद में बदबू नहीं होती है।
  • मक्खी मच्छर भी नहीं बढ़ते है।
  • वातावरण स्वस्थ रहते है।
  • इसके प्रयोग से भूमि उपजाऊ एवं भुरभुरी बनती है।
  • मिट्टी का कार्बनिक पदार्थों की वृद्धि में मदद करता है।
  • प्रत्येक माह 1 टन खाद प्राप्त करने के लिए 100 वर्ग फीट आकार की गड्ढे बनाए।

Benefits of Vermi Compost in Hindi- वर्मी कंपोस्ट खाद से लाभ

  • वर्मी कंपोस्ट खाद रासायनिक उर्वरकों की खपत को कम करके भूमि को स्वस्थ एवं सुरक्षित रखने का प्रभावी उपाय है।
  • मृदा के भौतिक तथा जैविक गुणों में सुधार होता है।
  • मृदा संरचना तथा वायु संचार में सुधार होता है।
  • कूड़े कचरे से होने वाले प्रदूषण पर नियंत्रण करता है।
  • नाइट्रोजन स्थिरीकरण करने वाले जीवाणुओं की संख्या में बढ़ोतरी करता है।
  • सब्जियों, फलों कथा खाद्यान्नों की गुणवत्ता बढ़ती है तथा उनके उत्पादन में वृद्धि होती है।
  • वर्मी कंपोस्ट के प्रयोग से तैयार होने वाले साग सब्जियां एवं फसलें गुणवत्ता मनुष्य के उपभोग के दृष्टिकोण से बहुत ही उत्तम होता है।
  • वर्मी कंपोस्ट यह लघु कुटीर उद्योग के रूप में रोजगार के नए अवसर प्रदान करता है।

FAQs👇🏼:

प्रश्न- वर्मी कंपोस्ट किसे कहते हैं? (What is Vermi Compost?)

उत्तर- वर्मी कंपोस्ट एक प्रकार की खाद है। जिसे प्राकृतिक जैविक अपशिष्ट पदार्थों जैसे पौधों की हरी पत्तियां, पुआल आम आम खाने-पीने के खराब खाद्य सामग्री आदि को केचुए मृदा में जैव अपघटन करने से बनाई जाती है।


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